चन्द्र और शुक्र जल प्रधान गृह है .अतः इन दोनों में गुण प्रायः समान होते है , जैसे कविता करना, स्त्री/पुरुषो की तरफ जुकाव, इच्छा शक्ति, पोषक व् वातावरण के शीघ्र अनुकूल होना, कला प्रशंशक जलीय पदार्थोसे लाभ .....दोनों में फर्क इतना है की शुक्र प्रधान व्यक्ति इन्द्रियोसे प्रभावित होता है और चन्द्र प्रधान व्यक्ति कल्पनासे।
चन्द्र पर्वत हाथ में बुध पर्वत के नीचे चन्द्र पर्वत स्थित होता है। चन्द्र पर्वत पूर्णतः उन्नत होने पर व्यक्ति बहुत गुणवान एवं कल्पनाशील होते हैं। कल्पना के द्वारा ही वे अपनी प्रतिभा को नई दिशा देते हैं। ये लोग संगीत, काव्य, वस्तु, ललितकला आदि मे प्रवीण होते हैं। ऐसे लोग विपरीत परिस्थिति को भी अनुकूल बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को कला प्रेमी बनाता है। ऐसे लोग कलाकार, संगीतकार, लेखक बनते हैं। ऐसे व्यक्ति मजबूत कल्पनाशक्ति के गुणी होते हैं। यह लोग अति रुमानी होते हैं लेकिन अपनी इच्छाओं के प्रति आदर्शवादी होते हैं। शुक्र पर्वत की तरह इनमें भावुकता या कामुकता वाला स्वभाव नहीं होता है।
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Sunday, 2 June 2013
चन्द्र पर्वत
Labels:
हस्त रेखा
Location:
Gorwa, Vadodara, Gujarat, India
Friday, 31 May 2013
हाथों की उंगलियां एवं हथेली पर स्थित विभिन्न चिन्ह
|| कराग्रे वसते लक्ष्मी कर मूले सरस्वती ,
कर मध्ये गोविन्दम च प्रभाते कर दर्शनम ||
हमारे हाथ के अंगूठे के मूल में ब्रह्म तीर्थ होता है। ब्रह्म संबंधी तर्पणादि ब्रह्म
क्षेत्र से ही करने चाहिए। तर्जनी एवं अंगूठे के मध्य में पितृ क्षेत्र होता है। अत: पितृ तर्पण कार्य तर्जनी एवं अंगूठे के मध्य से ही करने से पितृ तर्पण का पूरा फल मिलता है। करतल पर सभी देव एवं तीर्थ निवास करते हैं। हाथ के आगे लक्ष्मी, मध्य मे सरस्वती एवं मूल में ब्रह्म का निवास है। इसलिए हाथ देखने से पुण्य प्राप्त होता है एवं सुबह उठने के पश्चात सर्वप्रथम करतल के दर्शन करने से पुण्य फल मिलता है।
हाथों की उंगुलियां सरलता से मिलने पर जिसके हाथ में छिद्र नहीं रहता तो वह वह व्यक्ति अत्यंत भाग्यवान एवं सुखी होता है। छिद्रवान हाथ दरिद्रता का उपकारक है। तर्जनी एवं मध्यमा के मध्य में छेद न हो तो बाल्य अवस्था में सुखी होता है। मध्यमा एवं अनामिका में मध्य में छेद न हो तो युवावस्था में सुखी तथा अनामिका एवं कनिष्ठिका के मध्य छेद न होने पर वृदवस्था मे सुखी होता है।
हाथ की हथेली के रंग लाल होने पर व्यक्ति धनी होता है। पीत वर्ण होने पर धन की कमी होती है। यदि कराग्र भाग नीलवर्ण हो तो मध्यसेवी एवं दुखी जातक होता है। जिसके हाथ का मध्य भाग उन्नत हो तो वह परोपकारी होता है। करतल का मध्य भाग निम्न होने पर व्यक्ति पितृ धन से हीन होता है।
हाथ की हथेली में स्थित विभिन्न चिन्ह एवं उनके फल...
षट्कोण - जिसके हाथ में षटकोण का चिन्ह हो वह धनी एवं भूमिपति होता है।
शंख - शंख चिन्ह हथेली पर होने पर व्यक्ति समुद्र पर की यात्राएं करता है। विदेश गमन के व्यापार से धन कमाता है। धार्मिक विचारों वाला होता है।
स्वास्तिक - स्वास्तिक चिन्ह वाला व्यक्ति धनी, प्रतिष्ठित, धार्मिक यात्राएं करने वाला एवं वैभव सम्पन्न होता है।
त्रिकोण - भूमिपति, धनी एवं प्रतिष्ठित होता है।
छत्र - जिसके हाथ में छत्र का चिन्ह होता है वह राजा या राजा के समान होता है।
पद्म - धार्मिक, विजयी, राजा या राज वैभव सम्पन्न एवं शाक्तिशाली होता है।
चक्र - जिसके हाथ में चक्र के चिन्ह हो वह धनवान, वैभवशाली, सुंदर एवं ऐश्वर्यशाली होता है।
मछली - जिसके हाथ में दो मछलियों के चिन्ह हों, वह यज्ञकर्ता होता है।
कलश -जिसके हाथ में कलश का चिन्ह हो वह धर्म स्थानों की यात्रा करने वाला, विजयी एवं देव मंदिर का निर्माता होता है।
तलवार - जिसके हाथ में तलवार का चिन्ह हो वह भाग्यवान एवं राजाओं से सम्मानित होता है।
ध्वज - जिसके हाथ में ध्वज का निशान हो वह धार्मिक, कुलदीपक, यशस्वी एवं प्रतापी होता है।
Labels:
हस्त रेखा
Location:
Gorwa, Vadodara, Gujarat, India
Wednesday, 7 November 2012
प्रेम और हस्त रेखा विज्ञान
दिल का मामला बड़ा ही नाजुक होता है जरा सी आंच लगी नहीं कि यह तार तार होकर बिखर जाता है और जुदा हो जाते हैं दो दिल। दिल टूट जाने के बाद आप किसी को भी दोष दें लेकिन हस्त रेखा विज्ञान कहता है अगर ऐसा होता है तो यह आपकी हाथ की रेखाओ में लिखा है। तो देखिये क्या कहती है आपकी प्रेम रेखा!
जीवन में प्रेम को जो स्थान प्राप्त है उसे हस्त रेखा विज्ञान भी सम्मान देता है। युगों से कितने प्रेमी आये और चले गये मगर प्रेम जिन्दा है और प्रेमी प्रेम के गीत गुनगुनाते जा रहे हैं। प्रेम का यह भी शाश्वत सच है कि "यह किसी किसी को पूरी तरह अपनाता है, अक्सर तो यह एक लौ दिखाकर सब कुछ जला देता है"।
आपने देखा होगा कि प्रेमी एक दूसरे की खातिर अपना सब कुछ लूटा देने को तैयार रहते हैं परंतु वक्त कुछ ऐसा खेल खेल जाता है कि प्रेमियों को एक दूसरे से जुदा होकर विरह की आग में जलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सामुद्रिक ज्योतिष के विद्वान कहते हैं कि हमारी हथेली में कुछ ऐसी रेखाएं हैं जो किसी को महबूब से मिलाती है तो fकसी को जीवन भर का दर्द दे जाती है
हस्त रेखा विज्ञान के जानकार कहते हैं। अगर हथेली में हृदय रेखा को कोई अन्य रेखा काटती हो तो प्रेमियों का मिलना मुश्किल होता है । हृदय रेखा लहरदार या जंजीर के समान दिखाई देती हो तब भी प्रेम में जुदाई का ग़म उठाना पड़ता है।
हस्तरेखीय ज्योतिष के अनुसार अगर शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ हो, उस पर तिल का निशान हो या द्वीप हो तो प्रेमियो के बीच में परिवार की मान्यताएं और अन्य कारण बाधक बनते हैं जिससे प्रेमियो के मिलन में बाधा आती है । अगर आपकी हथेली में हृदय रेखा पर द्वीप का निशान हो, जीवन रेखा को कई मोटी मोटी रेखा काट रही हो अथवा चन्द्र पर्वत अत्यधिक विकसित हो तो आपकी शादी उससे नहीं हो पाती है जिनके साथ आप जीवन बिताना चाहते हैं यानी यह रेखा इस बात संकेत देती है कि आपको मनपसंद जीवन साथी नहीं मिलने वाला है।
हथेली दिखने में काली है और सख्त भी तो प्रेमी प्रेमिका में प्रेम पूर्ण सम्बन्ध नहीं रहता क्योंकि उनके विचारों में सामंजस्य नहीं रहता फलत: प्रेमी प्रमिका स्वयं ही एक दूसरे से सम्बन्ध तोड़ सकते हैं। गुरू की उंगली छोटी हो एवं मस्तिष्क रेखा का अंत चन्द्र पर्वत पर हो अथवा भाग्य रेखा एवं हृदय रेखा मोटी है तो परिवार के लोगों द्वारा प्रेमी प्रेमिका के बीच ग़लत फ़हमी पैदा होने से प्रेम के नाजुक सम्बन्ध में बिखराव आ जाता है।
अगर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रेम की डोर टूटने वाली है तो देखिये कहीं आपकी हथेली में मंगल पर्वत और बुध के स्थान पर रेखाओं का जाल तो नहीं है अथवा भाग्य रेखा टूटी हुई या मोटी पतली तो नहीं है। अगर रेखाएं इन स्थितियों में हैं तो प्रेम के पंक्षी एक घोंसले में निवास नहीं करते यानी दोनो को बिछड़ना पड़ता है।
हस्त रेखीय ज्योतिष के अनुसार अगर आपके बीच बात बात में तू-तू मैं -मैं होती है और स्थिति यहां तक पहुच गयी है कि आप एक दूसरे से अलग होना चाहते हैं तो इसका कारण यह हो सकता है कि आपकी हथेली में मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत की ओर हो अथवा भाग्य रेखा व हृदय रेखा सामान्य से अधिक मोटी हो। इसके अलावा इस स्थिति का कारण यह भी हो सकता है कि भाग्य रेखा कहीं मोटी कहीं पतली हो या बृहस्पति की उंगली सामान्य से छोटी हो।
हस्त रेखा ज्योतिष में जब हथेली में ऐसी रेखा देखी जाती है तो प्यार के रिश्तों में बिखराव का अनुमान लगाया जाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि प्रेमियो को रेखाओं के कारण जुदाई का ग़म उठाना ही पड़े क्योंकि अगर मर्ज है तो इसका ईलाज भी मौजूद है। आप आपके रिश्तों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं अथवा आपका प्रेमी आपको छोड़कर जा रहा है तो किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य से सम्पर्क कीजिए। जोकि वह आपकी कुंडली का अभ्यास करके प्रेम मार्गमे आगे बढ़नेमे बाधा रूप ग्रह की शांति के सही-सही उपाय बता सके और इछ्छित फलकी प्राप्ति सहज हो .. ।
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