चन्द्र पर्वत
चन्द्र और शुक्र जल प्रधान गृह है .अतः इन दोनों में गुण प्रायः समान होते है , जैसे कविता करना, स्त्री/पुरुषो की तरफ जुकाव, इच्छा शक्ति, पोषक व् वातावरण के शीघ्र अनुकूल होना, कला प्रशंशक जलीय पदार्थोसे लाभ .....दोनों में फर्क इतना है की शुक्र प्रधान व्यक्ति इन्द्रियोसे प्रभावित होता है और चन्द्र प्रधान व्यक्ति कल्पनासे।
चन्द्र पर्वत
चन्द्र पर्वत हाथ में बुध पर्वत के नीचे चन्द्र पर्वत स्थित होता है। चन्द्र पर्वत पूर्णतः उन्नत होने पर व्यक्ति बहुत गुणवान एवं कल्पनाशील होते हैं। कल्पना के द्वारा ही वे अपनी प्रतिभा को नई दिशा देते हैं। ये लोग संगीत, काव्य, वस्तु, ललितकला आदि मे प्रवीण होते हैं। ऐसे लोग विपरीत परिस्थिति को भी अनुकूल बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को कला प्रेमी बनाता है। ऐसे लोग कलाकार, संगीतकार, लेखक बनते हैं। ऐसे व्यक्ति मजबूत कल्पनाशक्ति के गुणी होते हैं। यह लोग अति रुमानी होते हैं लेकिन अपनी इच्छाओं के प्रति आदर्शवादी होते हैं। शुक्र पर्वत की तरह इनमें भावुकता या कामुकता वाला स्वभाव नहीं होता है।
पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को भावनाओं में बहने वाला और किसी को उदास न देखने वाला होता है। प्रायः यह लोग वास्तविकता से परे कल्पना प्रधान और अच्छे लेखक और कलाकार होते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में ऐसे लोग उन्मादी और तर्कहीन व्यवहार करते हैं। इसके अतिरिक्त ये निर्णय लेने में अधिक समय लेने वाले और अत्यधिक महत्वाकांक्षी होते हैं।
अति विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को आलसी और सनकी बनाता है। ऐसे व्यक्ति कल्पना से पूर्ण और वास्तविकता से दूर रहते हैं। कभी कभी, यह एक हल्के रूप में विकसित हो कर एक प्रकार का पागलपन भी हो सकता है।
यदि चंद्र पर्वत अविकसित है, तो व्यक्ति मे अच्छी कल्पना का अभाव, दूरदर्शिता का अभाव, नए और रचनात्मक विचारों का अभाव रहता है, यह लोग क्रूर और स्वार्थी होते हैं। सुन्दर और उठा हुआ चन्द्र क्षेत्र जातक को जल यात्रा का शोखीन बनाता है। शुक्र के अच्छे उठे हुए क्षेत्र जे साथ चन्द्र क्षेत्र भी अच्छा हो तो, जातक में पोषक बनाने, सिल्क के व्यापार , शराब, बाग , फुल तथा स्वेट वास्तु ओकी प्रति आकर्षण रहता है । एक सुन्दर उठे हुए चन्द्र क्षेत्र से कल्पना, भावुकता, आदर्श, तथा प्रेम प्रकट होता है । किन्तु बहुत बढ़ा हुआ क्षेत्र हवाई कल्पना प्रकट करता है। चन्द्र क्षेत्र ख़राब होने के साथ-साथ यदि शनि और बुध क्षेत्र भी ख़राब हो तो जातक पागल पं या लकवे का शिकार हो शकता है। यदि चन्द्र क्षेत्र बहोत ख़राब हो तो गुर्दे की बीमारी या गर्भाशय तथा ब्लेडर की खराबी हो शक्ति है। चन्द्र पर ख़राब चिह्न होने से विकृत कल्पना, बकवास तथा सत्य को दोषित माननेकी वृति प्रकट होती है। ..
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