मेरे लिए नौकरी अच्छी या व्यवसाय ? अगर व्यवसाय अच्छा हे तो स्वतन्त्र या पार्टनर शिप में ? देश में या विदेश में ? व्यवसाय में कौनसा क्षेत्र अच्छा रहेंगा ?
ज्यादातर यही सवाल सब के मनमे उठते रहते हे , और यही सवाल हमारे पास भी आते हे ...
ज्योतिष शास्त्र में यह सवाल के जवाब विस्तारसे दिए गए हे . और वह इतने सही अनुभव होते हे की इस दिव्य शास्त्र के सामने नत-मस्तक हो जाताहू। हमारे ऋषि मुनि ओने कितनी तपस्या करके , कष्ट उठाके मानव जातिके कल्याण के लिए यह दिव्य शास्त्र की हम को भेट दी हे।।उन दिव्य आत्मा ओको कोटि-कोटि प्रणाम।
जिन्दगी की गाड़ी को चलाने के लिए रोजगार की जरूरत सभी को होती है. रोजगार का चुनाव सही होता है तो व्यक्ति को कम परेशानी में जल्दी सफलता मिलती है. रोजगार की तलाश में ज्योतिष विज्ञान आपके लिए किस प्रकार सहायक हो सकता है आइये देखें.न सा व्यवसाय मेरे
दशम भाव में अलग-अलग ग्रह नोकरी-व्यवस्य संबंधी क्या फल देते हे? आइए देखे ....
कुण्डली के दशम भाव में सूर्य होने पर पिता अथवा पैतृक सम्पत्ति से लाभ मिलता है , सूर्य का सम्बन्ध राज्य सत्ता और पद-प्रतिष्ठा से हे , अगर दशम स्थान में सूर्य बलवान और शुभ योग में हे तो पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति कराता हे , सरकारी कार्यो से लाभ होता हे।
चन्द्रमा अगर इस भाव में हो तो माता एवं मातृ पक्ष से लाभ की संभावना बनती है. चन्द्रमा से सम्बन्धित क्षेत्र में कामयाबी की प्रबल संभावना रहती है। जल सम्बंधित व्यवसाय से लाभ होता हे। खेती, रंग-रसायन, जल में पैदा होने वाली चीज वस्तुए ,मोती, दूध और दूध की बनावट , डेरी उद्योग, ...
मंगल की उपस्थिति दशम भाव में होने पर विरोधी पक्ष से लाभ मिलता है.
रक्षा विभाग अथवा अस्त्र शस्त्र के कारोबार से लाभ होता है।मंगल हिम्मत और साहस का कारक हे, जमींन-मकान सम्बंधित व्यवसाय से लाभ करता हे, सीमेंट-क्वोरी-टाईल्स-सेनेटरी गुड्स-अग्नि सम्बंधित कार्य क्षेत्र से लाभ करवाता हे।
बुध दशम भाव में होने पर मित्रों से लाभ एवं सहयोग मिलता है. बृहस्पति की उपस्थिति होने पर भाईयों से सुख एवं सहयोग मिलता है। बुध बुध्धि का करक हे। लेखन-वाचन सम्बंधित व्यवसाय ,साहित्य प्रकाशन ,वकीलत, शिक्षा संबंधी क्षेत्र ,ज्योतिष, शिक्षक ,कमिशन, दलाली, शेअर बाजार ...
बृहस्पति से सम्बन्धित क्षेत्र में अनुकूल लाभ मिलता है। धर्म संस्थान , शिक्षण , आराम प्रिय नोकरी, गृह उद्योग ,कायदा-चेरिटेबल ट्रस्ट ,कर्म-कांड,धर्म गुरु, ...
शुक्र सौन्दर्य एवं कला के क्षेत्र में तरक्की देता है। कला के क्षेत्र में अगर सफल होना हे तो शुक्र का बलवान होना जरुरी हे। आनंद-प्रमोद, खेल-कूद, नाटक-रंगमंच, स्रुंगर, मनोरंजन,संगीत, अभिनय, महेफिल, होटल-मोटेल ....
शनि की स्थिति दशम में होने पर परिश्रम से कार्य में सफलता मिलती है. टूरिज्म के कारोबार में कामयाबी मिलती है. लोहा, लकड़ी, सिमेंट, रसायन के काम में सफलता मिलती है। दशम स्थान में अगर शनि हे , और राजयोग करक बनके बेठा हे तो जीवन में अच्छी तरक्की करवाता हे, मान-स्टेटस देता हे, लोकप्रियता देता हे, जनहित के कार्य होते हे, अगर बलवान नहीं हे तो चडती-पड़ती का अनुभव होता हे।
दशम स्थान में राहू-केतु शत्रु पीड़ा देने का संभव रहताहे, विरोधिओसे हानी होती हे, कोर्ट-कचहरी सम्बन्धी कार्य में सफलता मिलनेमे बाधा आती रहती हे, जन्म भूमिसे दूर जाकर जातक का भाग्योदय होता हे।